आखिर अपनी राजकीय राजनीति की आगे की मुरादे पूरी नहीं होने की वजह विजय रुपाणी को गुजरात से हटाया जाने के लिए पंजाब के प्रभारी नियुक्त कर दिया और विजय रुपाणी बोल पड़े की हाईकमान का आदेश आने से पहले एक दिन मैंने इस्तीफा तैयार रखा था और भेज दिया, मैं अनुशासित पार्टी का सेवक होने की वजह से मैंने किसी से आग्रह नहीं रखा कि मुझे रातों-रात क्यों हटाया गया है।
विजय रुपाणी के साथ पूरी सरकार के सभी कैबिनेट और राज्य कक्षा के मंत्रियों को भी हाईकमान ने हटाया है।
पिछले 24 साल के गुजरात भाजप शासन के कहीं निर्णय के ऊपर कहीं महानगरों के अलग-अलग झूठ भाजपा में उभर आए थे और कहीं भ्रष्टाचार की भी वारदात कहीं गैरकानूनी सहयोगी भाजपा के लोग बने हुए और कहीं न्याय तंत्र में केस चलने की वजह भी हो सकती है और इन सभी बातों के ऊपर पर्दा डालने के लिए केंद्रीय शासक सत्ता को बचाए रखने के लिए गुजरात की पूरी सत्ता को बदल दिया क्योंकि गुजरात को मोदी जी ने विश्वभर में मॉडल कहकर पुकारा है।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने एक साल पहले सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने बताया कि एक रात पहले बीजेपी हाईकमान ने इस्तीफे के लिए कहा और अगले दिन उन्होंने पद छोड़ दिया। मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के एक साल बाद यह बात बताते हुए रूपानी ने कहा कि ना तो उन्होंने हाईकमान से इसका कारण पूछा और ना ही किसी ने उनको कारण बताया। रूपानी ने कहा कि वह पार्टी के एक अच्छे कार्यकर्ता हैं और हाईकमान के आदेश पर खुशी-खुसी उन्होंने अपना इस्तीफा दिया था।
एक इंटरव्यू में रूपानी ने कहा, “उन्होंने मुझे एक रात पहले इस्तीफे के लिए कहा था और मैंने अगले ही दिन सुबह को अपना इस्तीफा जमा कर दिया।” रूपानी ने 11 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था। रूपानी के कहा कि उन्होंने हाईकमान से नहीं पूछा कि उनसे ऐसा करने के लिए क्यों कहा जा रहा है और ना ही किसी ने उन्हें इसकी वजह बताई। हालांकि, उनका कहना है कि उन्हें इस बात का यकीन है कि अगर उन्होंने कारण पूछा होता तो, उन्हें जरूर बताया जाता।
रुपाणी कहते है कि “मैं हमेशा से पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता रहा हूं। मैंने हमेशा वही किया है जो पार्टी ने मुझसे करने के लिए कहा है। पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया तो मैं एक हो गया। तब पार्टी ने मुझसे कहा कि वे मेरी जगह ले रहे हैं और मैंने उन्हें खुशी-खुशी ऐसा करने को कहा।”
उन्होंने कहा, “एक अच्छे कार्यकर्ता के रूप में, मैं कभी भी पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं गया और इसलिए, अगले ही दिन अपना इस्तीफा दे दिया। और मैंने अपना इस्तीफा मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ सौंपा, न कि उदास चेहरे के साथ।”
रूपानी को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के ठीक एक साल बाद भाजपा ने रूपानी को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है। वह नए कार्यभार को राष्ट्रीय राजनीति में अपनी उन्नति के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि पार्टी ने मुझे पहले शहर के स्तर पर, फिर क्षेत्रीय स्तर पर काम सौंपा और मैंने उसी के अनुसार काम किया। मुझे राज्य स्तर पर चार साल के लिए महासचिव के रूप में जिम्मेदारी दी गई और अंत में मुख्यमंत्री के तौर पर सेवा करने करने का मौका मिला। अब मुझे राष्ट्रीय स्तर पर एक नई जिम्मेदारी सौंपी गई है… राज्य स्तर पर, शीर्ष पद मुख्यमंत्री का है। मैंने प्रदेश प्रमुख के रूप में भी काम किया है इसलिए, यह स्वाभाविक है कि मेरी सेवाओं का उपयोग अब राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा।”
जब मोदी जी और अमित शाह का शासन गुजरात में रहा तभी विजय रुपाणी इन दोनों के मुख्य सहयोगी रहे थे और उनके शासन में जितने भी बड़े-बड़े कांड हुए वारदातें हुई न्याय प्रक्रिया की अंदर क्लीनचिट लेने के लिए कहीं-कहीं नए तरीके दिखाने पड़े जिनके सबसे बड़े सहयोगी विजय रुपाणी ही कहलाते थे इसीलिए उनको यह मुख्यमंत्री का पद दिया गया था।
आज यह हाल हो गया है कि मोदी जी और अमित शाह को कहीं कहीं जगह कहीं लोगों को हटाकर नए लोगों को बिठाया जाता है और पार्टी के लोग भी कहते हैं कि अब इस पार्टी में स्टैंप राजनैतिक कार्यकर्ता चलेगा कोई पार्टी का पूर्व सैनिक अब नहीं चल सकता और आज यही देख रहे हैं कि जो भी मंत्रिमंडल है और जो भी बड़े-बड़े संगठन के पदों के ऊपर जिनको बिठाया है वह लोग भी कहीं ऐसे ही नजर आते हैं लेकिन कोई आगे बढ़कर कुछ कहना नहीं चाहता क्योंकि सबको सत्ता में शामिल होना है।
हमारे गुजरात में कहीं लोग आज भी विजय रुपाणी जी को बहुत सीधा सादा और मोदी जी और अमित शाह के कहने पर चलने वाले मानते हैं जिनके कहीं भाषण में लोगों को हंसी भी आती है और इनको इतना इतिहास का ज्ञान धर्म का ज्ञान भी नहीं है फिर भी ऐसे भाषणों में कहीं वह झूठे साबित हुए हैं और हिंदी बोलने में तो हमारे मीडिया के लोग उनका मजाक उड़ाते थे अब वह पंजाब में जाकर कैसी हिंदी और पंजाबी भाषा में काम करके प्रभारी पद को निभाते हैं उसकी भी आजकल सभी जगह चर्चा हो रही है।
मैं प्रदीप रावल संपादक न्यू शॉप गांधीनगर साप्ताहिक समाचार पत्र और दैनिक समाचार पत्र न्यूज ऑफ गांधीनगर अपनी जानी हुई हकीकत मैंने बताई है