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भारत के सभी पत्रकारों को विगत दिनों केंद्र सरकार का तोफा वेब पोर्टल वा चैनल और प्रिंट मीडिया सभी पत्रकार होंगे शामिल…
April 3, 2020 Editor Dawn India News
भारत के सभी पत्रकारों को विगत दिनों केंद्र सरकार का तोफा वेब पोर्टल वा चैनल और प्रिंट मीडिया सभी पत्रकार होंगे शामिल…
(Dawn India News) नई दिल्ली:- 3 अप्रैल 2020 केंद्र सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने के लिए ‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम’ में विगत दिनों संशोधन किया ।यह देशभर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को फरवरी 2013 में लागू किया गया था। अब इसमें विगत दिनों संशोधन किया है, जिसका फायदा सभी पत्रकार साथीगण ले सकेंगे।यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी।
वहीं, इलाज के लिए भी पत्रकार को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए की सहायता राशी भी दी जाएगी।इस योजना की पात्रता के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, जिसके संरक्षक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री होंगे।विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक, एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव समिति के सदस्य हैं। वहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव अथवा निदेशक सदस्य संयोजक हैं।इस समिति का काम होगा कि ये पीड़ित पत्रकार या फिर उनके परिजनों के आवेदन पर विचार करे तथा उसके मुताबिक आर्थिक सहायता देने का फैसला ले।
इस योजना के तहत एक अच्छी बात यह है कि इसमें केंद्र या राज्य सरकार से अधि स्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है।यह योजना पत्रकारों से संबंधित 1955 के एक अधिनियम “Working Journalists and other Newspaper Employes (Condition of service) And Miscellaneous Provision Act 1955” के तहत पत्रकार की श्रेणी में आने वाले देशभर के पत्रकारों पर लागू किया गया है।इस योजना का लाभ वेब और टीवी जर्नलिस्ट्स को भी होगा।वहीं, इस योजना का लाभ टेलीविजन और वेब जर्नलिस्ट्स भी ले सकेंगे। न्यूज पेपर्स के बाद टेलीविजन जगत में क्रांति आई और टीवी न्यूज चैनल्स की शुरुआत हुई, वहीं, अब वेब जर्नलिज्म का जमाना आ गया है और वेब पर भी पत्रकारिता की जा रही है।इसके साथ ही सभी न्यूज पेपर्स के एडिटर, सब एडिटर, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नलिस्ट, फ्रीलांस जर्नलिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उन पर आश्रित परिजनों को भी स्कीम के दायरे में रखा गया है। इसका लाभ लेने की शर्त यह है कि कम से कम 5 साल तक पत्रकार के रूप में सेवाएं दी गई हों। स्कीम के तहत यह जानकारी भी दी गई है कि एक से पांच लाख की सहायता किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार या उनके परिजनों को दी जाएगी।
जानकारी के लिये सम्पर्क करेंमहानिदेशक (मीडिया एवं संचार), प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, ‘ए’ विंग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली -110001 जिन पत्रकारों या उनके परिजनों को सहायता चाहिए, वे विहित फॉर्म पर अपने आवेदन दिए गए पते पर भेज सकते हैं। तीन पृष्ठों के इस फॉर्म का नमूना प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पत्र सूचना ब्यूरो) की वेबसाइट pib.nic.in से डाउनलोड कर सकते हैं
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प्रधानमंत्री महोदय श्री नरेन्द्र मोदीजी,
हमारे गुजरात के कहलाते सपूत के नाते ये पत्र लिख रहा हूं।
दादा दादी,माता पिता ने संस्कारो से सिखाई बातो से हम बरसो से अपने परिवार में रहेके सामाजिक,राजकीय,अनैतिक अनुशासन ओर कोई भी कुदरती संकट की सामने ज्ञान,भक्ति,कर्म,योग को साथ लेकर लड़ते आए है ओर अपने अपने कर्मो के अनुसार फल भी प्राप्त करते है। मोदीजी आप प्रधानमंत्री की खुर्सी पे देश के जिम्मेवारी संभाल रहे हो,ऐसे घरेलू जाने माने नुस्खे की जगह इस संकट में देश के विभिन्न राज्यो के प्रशाशन की व्यवस्था जनता की बीच में सुनिश्चित रूप से की जाए ऐसी सूचनाएं आपकी जिम्मेवारी समज के सभी राज्यो के मुख्यमंत्री को कहकर उसपे राज्यपाल की निग्राही बनी रहे ओर जनता को सच ही बात पहुंचे जो योजनाएं लागू की गई उसका सिर्फ सरकारी आंकड़ा देखकर खुश मत हो लेकिन सुविधाएं जनता तक पहुंचती है या नहीं उसके बारे में भी चिंतन करके जनता को अपने प्रशाशन के बरेमे कुछ विश्वास दो,सिर्फ योजनाएं रखकर आंकड़ों मिलाकर सेवा नहीं होती,सभी सांसद,विधायक,अधिकारियों,कर्मचारियों के एक दिन या महीने की तनख्वाह फंड देने से भी सरकारी तिजोरियां भर जाती है ये पुरानी परंपरा है जिससे उन लोगो को कोई फर्क नहीं पड़ता,क्योंकि ये तो उनके लिए लोक दौं की एक मिनट कि सेलरी बराबर है,
जहां तक तालुक है हमारे गुजरात से,हम एक जिम्मेवार मीडिया के संपादक के नाते कहते है की हमारे गुजरात का छ करोड़ की जनता का आपके प्रशाशन ने छ दिनों में सर्वे करवाया, ऐसी बाते ना तो हमारे गले उतरती है ओर ना तो जनता के गले उतरती है,विरोध पक्ष की कमर सरकार ने अपने प्रशाशन के जरिए तोड़ी हुई है इसीलिए कोई विरोध पक्ष से सरकार की सामने विरोध करने कि उम्मीद नहीं रखता,
बीपीएल,एपी एल,कार्ड धारकों को अभी भी राशनिंग का मुहवजा ठीक से पहुंचता नहीं है।जिनके कोई कार्ड नहीं है फिर भी मध्यम गरीबी रेखा के स्तर पर है उन लोगो का कोई सर्वे ना तो हुआ है ओर ना तो कोई अनाज,जीवन जरूरियात की चीजे उन तक पहुंची है,मानवता की ओर से सभी बड़े दाता ने सोच समझ कर अपनी जिम्मेवारी समजके आपके पीएम,सी एम् फंड में दान दिया है ओर समाज सेवी संस्थाएं आज भी लाखो लोगो को खाना खिलाती है ओर चीज वस्तुओं का वितरण करती है,आपके रहते हुवे हमारा गुजरात का 25 साल का अंध विकास हमनेबहुत करीब से देखा है ओर देख रहे है कि आपकी सरकार कैसा विकास करती है ओर किया है,तभी तो आज गुजरात का कर्ज दो,लाख,पचास हजार करोड़ तक आपके शाशन ने पहुंचाया है।आपने अस्पताल,मेडिकल टीम के बारीम ओर सरकारी सुविधाएं देने वाले को विमा रासी ओर कहीं आर्थिक सुविधाएं देने का फरमान किया है मगर आप भूल जाते हो की सरकार की कोई तनख्वाह नहीं लेते देश के प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के मालिक,ओर उनके कर्मचारी आज भी महामारी में आपके प्रशाशन की खबरे लेने ओर प्रशाशन की चार बार समाचारों की खबरे लेने घर से बीवी बच्चे को छोड़ के बाहर निकालकर जनता को आपके प्रशाशन की खबरे पहुंचाने का काम करती है जिनको आपने अभी तक कोई भी विमा राशि या सरकारी आर्थिक सहाय का फरमान नहीं किया,इस मीडिया को आपके राज्यो के माहिती,प्रसारण विभाग के अधिकारियों की जिनके सरकारी पगार ओर सभी सुविधाएं होती है वो लोग मीडिया को बुलाकर दिन में चार बार आपके विभागीय सचिव,मंत्री,कुछ नेताओं की प्रेस करवाते है ओर जनता तक आपकी बात पहुंचाई जाती है,,आज आप जब कुदरत की सामने लड़ने ये तालियां,थालिया ओर दिए जलाने की बात जब देश के प्रधानमंत्री होके 130 करोड़ की जनता की एकता दूसरे देशों को दिखाने करते हो तब बुद्धिजीवी लोग बोलते नहीं पर हास्य करते होंगे,क्योंकि आपको जो बात जनता को प्रशाशन कि करनी चाइए ओर जो जिम्मेवारी आपके हाथों में है वो निभाकर जनता को इस महामारी के संकट में न्याय देना चाइए उससे आप भटक कर ऐसे घरेलू नुस्खों को बात करते है,जनता आज भी प्रशाशन से कोई सवालात नहीं कर शक्ति ओर नातो मीडिया से कोई प्रशाशन को जनता की सर्विस के बारे में सवाल करने देते हो ऐसी मीडिया पे आपके विभागों ने माहिती अधिकारियों की पुलिस बिठाई है,हमारे गुजरात में विदेशो मेसे आए 27,000 से ज्यादा लोगो की सूची होने पर अभी तक जान बुजकर सरकार अभितक ६०% लोगो तक पहुंची नहीं है या पहुंचना नहीं चाहती ओर छ करोड़ का सर्वे छ दिनों में सरकार ने करवा लिया? ऐसी बेवकूफ जैसे प्रशाशन की बातो जनता को गुमराह करने वाली है,हमारे मुख्यमंत्री ओर सभी प्रधान मंडल के मंत्री ओर विधायक ओर सभी सनदी
अधिकारियों के कहीं बेटे,बेटियां विदेशो में पढ़ते थे उनका कोई सर्वे नई बताया कि कोन आए है ओर कहीं छिपे है, कवोरेनटाइन में है या नहीं जिनकी कोई जानकारी मीडिया के जवाब में गुजरात सरकार देती नहीं है। मीडिया कर्मियों से जन हित में भी कोई भी सवाल करने पर आपके अधिकारी रोक लगते बैठे है ओर हम जनता को सच बात अभी तक पहुंचा नहीं सकते,राज्य के माहिती प्रसारण से कहीं अखबार,न्यूज पोर्टल के मालिक आज भी कोई विज्ञापन नहीं लेते ओर नातो सरकार की ओर से कोई उनको सुविधाएं नहीं दी जाती,ओर आर्थिक सुविधाएं के बारिमे कानूनन डराया,धमकाया जाता है,आज भी ऐसे हमारे जैसे मीडिया अपने पेसोसे घूमकर अपना अखबार रोजाना प्रगट करके सोशियल मीडिया माध्यम से लोगो तक पहुंचता है ओर जनता ओर सरकार की बीच सेतु बनके अपनी जिम्मेवारी निभाता है। हमारा प्रशाशन पे सीधा आरोप है कि आज भी प्रशाशन सत्ताधारी पक्ष के सभी तहसील के मुख्या की बातो को मानकर सरकारी सुविधाएं देती है ओर जिम्मेवार सेवाभावी लोगो को अन्याय हो रहा है,इस महामारी संकट में राज्य के मुख्यमंत्री को सभी मीडिया कर्मी ओर जन सेवा के कर्मियों कि बात सुनकर न्याय देना चाइए। इस लिए आपकी ये बच्चो दादा दादी जैसे कह गए है ऐसी बातो से हमे हसी आती है ओर सिक्षित सचिव,सलाहकारों से मष्वहरा करके प्रशाशन की सुविधा की बात करे तो अच्छा होगा,देश हित में होगा ओर हमारे गुजरात की इज्जत बनी रहेगी ओर लोगो के गले में भी यह बात उतर शक्ति है।आपने आज तक गुजरात में सरकारी वाइब्रेंट अनेक प्रकार के आपके मन की इच्छा पूरी करने विदेशो के कहीं प्रधान मंत्री,राष्ट्रपति,संयुक्त राष्ट्र संघ के महामंत्री ओर जानी मानी देश विदेश की सेलिब्रिटी ओर हस्तियों को गुजरात में अतिथि की तरह बुलाकर सरकारी तिजोरी पे करोड़ों का बोझ किया ओर इससे गुजरात ओर पूरे देश को क्या राजकीय प्राप्त हुआ वो भी सभी लोग भाली भाती जानते है,आज भी गुजरात के 60% लोग ,किसान,युवा सीक्षित बेरोजगार का हाल क्या है वो आप भी अच्छी तरह से जानते है,आप ओर अमित शाह हमारे गुजरात के दोनों प्रधान मंत्री ओर देश के गृह मंत्री बने हो तभी हमे आपसे एक गुजराती के नाते अपने गुजरात की इज्जत ओर गुजरात मॉडल जब आप कहलाते हो तभी सच्चाई पेश करने ये जिम्मेवारी के नाते कहना पड़ता है।
जन हित में जिम्मेवार मीडिया संपादक प्रदीप रावल,एक ही आग ” जन फरियाद” साप्ताहिक ओर न्यूज ऑफ गांधीनगर दैनिक,,, एवम् www.janfariyadnews.com (न्यूज पोर्टल)(9824653073)